ऑप्शन ग्रीक का होते है इनका ऑप्शन ट्रेडिंग मे क्या उपयोग है । option greek thata, gamma, delta in hindi.

ऑप्शन ग्रीक, थीटा, गामा, डेल्टा और  RHO क्या है इनकी गणना कैसे की जाती है ।( option greek thata, gamma, delta kya.)


नमस्कार , दोस्तों आप अगर option trading करते है तो आपने option greek के बारे मे तो जरूर चुना होगा । आज इस आर्टिकल मे हम option greek के बारे मे बेसिक से लेकर एडवांस तक जानकारी देगे , जिससे आप ट्रेडिंग को अच्छे से कर सके और पैसे कमा सके ।

हम जब ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करते है तो हम इस सवाल से घिरे रहते है कि शेयर के ग्राफ के ऊपर अथवा निचे जाने पर , उसके ऑप्शन प्रीमियम मे कीतना और कीस प्रकार से बदलाव आता है , और हम इसकी गणना कैसे करते । तब हम पहली ऑप्शन ग्रीक के बारे चुनते है  । तब हम सवाल करते है कि ऑप्शन ग्रीक क्या होते है, यह कीतने प्रकार के होते है । एल्फा , बीटा, गामा और आरडीएस क्या है और इनकी गणना कैसे की जाती है । इसके आलाव आपके मन मे आर्टिकल को पूरा पढने के बाद ऑप्शन ग्रीक से संबंधित को सवाल आए तो जरूर कमेन्ट मे बताये। 

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ऑप्शन ग्रीक क्या है ? ( option greek in hindi)

ऑप्शन ग्रीक ऐसे ग्रीक होते है जो ऑप्शन के प्रीमियम मे बदलाव करते रहते है , ऑप्शन ग्रीक होते है ।

अर्थात ऑप्शन ट्रेडिंग मे प्रीमियम के प्राइज को बढा या घटा देते है ऑप्शन ग्रीक कहलाते है ।उदाहरण थीटा , डेल्टा ,गामा आदि ।

यह ऑप्शन ग्रीक मिलकर हर वक़्त  option मे call एवं put को बदलते रहे है ।

ऑप्शन ग्रीक कीतने प्रकार के होते है

1. Thata(थीटा)

2.delta (डेल्टा) 

3.Gamma(गामा)

3. Vega(वेगा) 

5. ROH

1. ऑप्शन ग्रीक थीटा क्या है? (Option greek thata in hindi)

ऑप्शन ग्रीक ऐसे ग्रीक होते है जो option premium की वैल्यू मे परिवर्तन कर देते है , इसे हम ऑप्शन ग्रीक कहते है ।

अथवा दुसरे शब्दों मे कहा जाए तो ऑप्शन ट्रेडिंग मे प्रीमियम के प्राइज को ऊपर नीचे कर देते है । इसे हम option greek  कहते है । उदा . डेल्टा, थीटा, गामा, वेगा,  RDX आदि। 

ऑप्शन ग्रीक को हम एक उदाहरण समझते है :-

माना कि शुक्रवार के दिन nifty 18000 CE पर था उस समय कीसी व्यक्ति ने 100 रूपये मे प्रीमियम का Call option खरीद लिया। 

इसके बाद  शनिवार  और रविवार को मार्केट बद रहता है और सोमवार को मार्केट 18000 पर ही रहता है, या फिर 18100 हो जाता है अथवा 17900 पर आ जाता है तो इससे प्रीमियम पर क्या असर हुआ अर्थात प्रीमियम बढा, घटा, स्थिर रहा या बढा तो कीतना बढा , कीतना घटा इसकी सूचना हमे आप्शन ग्रीक देते है या हम इसकी सहायता से गणना कर सकते है ।

ऑप्शन ग्रीक डेल्टा क्या है। ( delta in hindi)

ऑप्शन का प्रीमियम कीतना घटता है या बढता है ,इसे डेल्टा बताता है । अर्थात ऑप्शन के प्रीमियम के गीरने या घटने की गति डेल्टा द्वारा दर्शायी जाती है ।

डेल्टा का मान स्टाॅक के प्राइज घटने या बढने पर निर्भर करता है ।

उदाहरण के रूप मे nifty, 500 पाइंट बढ गया है तो हमारा ऑप्शन प्रीमियम (  call या put )  कीतना बढेगा यह डेल्टा बताता है ।

डेल्टा की रेंज   0 से 1 के बीच मे होती है ।

उदाहरण (Example) 1.

माना nifty  वर्तमान मे 18000 CE पर चल रही है आपने इसका Call option खरीदा है और अब nifty 18100 पर आ गया अर्थात 100 पाइंट की वृद्धि तब  डेल्टा  0.5 के आस पास होगा और उस समय एक ऑप्शन के प्रीमियम की एक इक्विटी का प्राइज 100 रूपये तब 18000 पर निफ्टी होने पर एक लाॅट का प्रीमियम का प्राइज 

100×50= 5000

( ऑप्शन ट्रेडिंग मे nifty हमे लाॅट के रूप मे मिलता है और एक लाॅट मे 50 इक्विटी होती है ।)

18100 पहुंचने पर एक लाॅट का प्रीमियम का प्राइज 

0.5×100= 50

अर्थात निफ्टी के ATM मे 100  पाइंट बढने पर 50 की वृद्धि हो रही है तो 

100+50=150

अब एक लाॅट का प्राइज 

150×50= 7500

अतः इसमे ट्रेडर को nifty 100 पाइंट बढने पर 2500 रूपये का लाभ होगा 

उदाहरण 2.

यदि nifty 18000 से बढ़कर 18200 हो जाता है तब डेल्टा 

18100 पर एक इक्विट का प्रीमियम  100₹

18200 पर इक्विटी  का प्रीमियम (200 पाइंट बढने पर)

200×0.5=100

100+100=200

 एक लाॅट के प्रीमियम का प्राइज 

तब 50×200= 10000

अतः आपका इसमे पैसा डबल हो जाएगा 

गाम ऑप्शन ग्रीक ( gamma greek in hindi)

गामा डेल्टा मे होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है। 

डेल्टा स्टोक के प्राइज के बढने या घटने पर निर्भर करता है जबकि गामा , डेल्टा पर निर्भर करता है ।

अर्थात अण्डर लाइन असेट मे जो प्रीमियम मे अन्तर आ रहा होता है वो डेल्टा दर्शाता है  और जो डेल्टा मे परिवर्तन आता है वो गामा बताता है ।

(अण्डर लाइन असेट = आपके द्वारा चयन कीया गया स्टाॅक)

वेगा

Vega(वेगा)

वाॅलिटीलिटी को बताने वाला ऑप्शन ग्रीक है । यह हमे ऑप्शन चैन मे इम्पालाइटि के रूप मे दिखेगा। 

इम्पालाइटि वेलिटीलिटी:- हम जानते है कि मार्केट मे एक सेकंड मे  कई सारी घटना घटित होती है । जैसे कि कीसी न्युज का आ जाना , कम्पनी या इन्स्टीट्यूट द्वारा को घोषणा कर देना, बजट , राजनीति मे फेर बदल होना आदि सभी वाॅलिटीलिटी इन्डेक्स है और इसी के आधार पर वेगा निर्धारित होता है ।

RHO :-

RHO द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग मे अचानक ज्यादा प्रभाव नही पङता है । बल्कि इसका कुछ प्रभाव हो सकता है। 

RHO का सीधे शब्दो मे कये तो इसका अर्थ होता है ब्याज दर

जब को कम्पनी या फिर इन्स्टीट्यूट ब्याज दर को बढा देती या घटा देती है तो उसका प्रभाव पूरी अर्थव्यवस्था पर पङता है । परन्तु ऑप्शन ट्रेडिंग मे अचानक ज्यादा प्रभाव नही दिखाई देता 

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