राजस्थान की प्रमुख झीलें। राजस्थान की झीले pdf ।

 राजस्थान की प्रमुख झीलें। राजस्थान की प्रमुख खारे एवं मीठे पानी  की झीलें pdf ।

मरूप्रदेश राजस्थान मे प्राकृतिक झीलों के साथ अनेक झीले हैं। जिसका निमार्ण राजा, महाराओ, नगरवासियों एव जनता ने करवाया राजस्थान की झीलो की खुबसूरती एवं बनावट हर साल लाखो पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है । खारे पानी की झीलो की संख्या नागौर के आस-पास वाले क्षेत्रों में ज्यादा है क्योकि यहाँ पर पहवे टेथिस सागर था, जिसके कईं अवशेष मिले है । वही मीठे पानी की झीलो के पानी का उपयोग पेयजल एवं सिंचाई मे किया जाता है । राजस्थान सबसे अधिक झीलो की संख्या उदयपुर मे पायी जाती है अतः उदयपुर को झीलों की नगरी कहा जाता है ।

राजस्थान मे दो प्रकार की झीलो पायी जाती है। 

1.खारे पानी की झीले 

2.मीठे पानी की झीले 2.राजस्थान की प्रमुख खारे पानी की झी

1.राजस्थान की प्रमुख मीठे पानी की झीले

राजस्थान की प्रमुख मीठे पानी की झीले

 

पुष्कर झील-

तीन ओर से पहाङी से घिरी हुई पुष्कर झील अजमेर जिले मे स्थिति है। झील के चारो तरफ हिन्दू देवी देवताओं मे मन्दिर स्थिति है ।जिसमे ब्रह्मा जी का मन्दिर प्रमुख है । झील के पश्चिम मे स्थिति पहाड़ी की चोटी पर सावित्री का मन्दिर है ।

झील पर हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को विशाल मेला भरता है ।

नक्की झील 

यह सिरोही जिले के माउंट आबू मे स्थित है । पौराणिक कथाओं के अनुसार इस झील का निर्माण देवताओं ने अपने नाखूनो से कीया था इसी कारण से इस झील का नाम नक्की झील पङा है। 

यह राजस्थान की सबसे उंचाई पर स्थित झील है ।

झील के किनारे पर रघुनाथ जी का मन्दिर स्थित है ।

जय समन्द झील 

जय समन्द झील का निमार्ण राजा जयसिंह ने गोमती नदी के पर बांध बनाकर करवाया था । 

झील मे सात दीप है जिसमे सबसे छोटे दीप को प्यारी तथा बङे दीप को बाबा का भागङा कहा जाता है । इन दीपो पर मीणा एवं भील जनजाति के लोग निवास करते है ।

इस झील से श्यामपुरा एवं भाट नामक दो नहरे निकलती है ।

जवाहर सागर झील

यह कोटा जिले मे स्थित मीठे पानी की झील है ।

राजसमन्द झील 

इस मीठे पानी की झील मे गोमती नदी गिरती है । इसके पानी का उपयोग सिंचाई मे किया जाता है। 

झील के उत्तरी भाग मे नौचौकी नामक स्थान है जहाँ पर 25 संगममर के शिलालेखों पर मेवाङ का इतिहास सस्कृति मे लिखा हुआ है ।

पिछोला झील 


पिछोला झील का निर्माण 14वीं सदी मे राणा लाखि के राज मे एक बंजारे द्वारा  करवाया गया था। 

झील के बीच मे जल निवास महल और जल मन्दिर है।

इसी झील से प्रेरित होकर शहाजाह ने ताजमहल का निर्माण करवाया  ।

खुर्रम(शहाजाह) ने विद्रोह के समय यहाँ चरण ली थी ।

आना सागर झील 

यह एक कृत्रिम झील है ,जिसका निर्माण 1137 मे अना जी ने करवाया था । झील के किनारे अजमेर शहर बसा हुआ है ।

झील का क्षेत्रफल 12 वर्ग km है तथा अजमेर शहर के पेयजल की आपूर्ति इसी झील से होती है ।

वर्षा ऋतु मे अनासागर झील भर जता है तो इसका पानी फाई सागर झील मे छोङ दिया जाता है। 

फाई सागर झील 

यह नदी लूणी नदी से विकसित हुई प्राकृति झील है । अजमेर शहर मे बसी हुई इस झील का पानी आना सागर झील मे भेजा जाता है। 

फतहसागर झील 

फतहसागर झील का निर्माण महाराज जय सिंह द्वारा करवाया गया था । कायान्तर मे अत्यधिक वर्षा के कारण यह झील नष्ट हो गई थी ,तब इसका पुनः निमार्ण महाराजा फतेह सिंह ने करवाया। 

उदय सागर झील 

आयङ नदी(उदयपुर) पर स्थित इस झील का निर्माण उदय सिंह ने करवाया। 

आयङ नदी का नाम इस झील के बाद बदलकर बेङच नदी हो जाता है ।

बालसमन्द झील 

इसका निर्माण प्रतिहार  राजा बालक राव ने सन् 1159 मे करवाया था । यह जोधपुर मे स्थित है। 

2.राजस्थान की प्रमुख खारे पानी की झीले

राजस्थान की प्रमुख खारे पानी की झीले


साम्भर झील 

राजस्थान की सबसे बङी एवं भारत की दुसरी  सबसे खारे पानी की साम्भर  झील जयपुर जिले के साम्भर मे स्थित है 

झील का विस्तार 240 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है ।

झील की लंबाई 32km

चौङाई 3से 12 km

भारत के कुल नमक का 8.7%नमक साम्भर से उत्पादित कीया जाता है ।

इस झील पर सांभर साल्टस लिमिटेड कंपनी द्वारा नमक उत्पाद कीया जाता है ।

डीडवाना झील

यह झील साम्भर से लगभग 65km उत्तर पश्चिम मे निगौर मे स्थित है। 

इस झील से उत्तम क्वालिटी का नमक उत्पादित नही होने के कारण इसके नमक का उपयोग चमङे की सफाई एव रंगाई उद्योग मे किया जाता है ।

पचपद्रा झील 

पचपद्रा झील राजस्थान के बाड़मेर (बालोतर) जिले के पचपद्रा नामक स्थान पर है ।

इस झील मे वर्ष भर पानी उपलब्ध नहीं रहता है।

यह राजस्थान सरकार  का राजकीय लवण स्रोत है ।

लूणकरणसर झील 

यह बीकनेर जिले के लूणकरणसर कस्बे मे स्थित है। 

इस झील मे बहुत ही कम नमक पाया जाता है ।जिससे कम नमक का उत्पाद होता है ।

राजस्थान की प्रमुख झीलें pdf डाउनलोड


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ