भूकम्प क्या है, और क्यो आते है ? Bhukam kya hai or kyo aate hai
आज के जमाने मे हम भूमी के अन्दर से अनेक खनिज पदार्थो को धरती मे से खोदकर निकालते है जिससे पृथ्वी अन्दर से खोखली होती है और भूकंप जैसे अनेक प्राकृतिक समस्या का हमे सामन करना पङता है । आज कल उस जगहों पर भी भूकम्प आने लगे है जहाॅ पर पुराने समय कभी भूकम्प आये ही नही थे । इस प्रकार के भूकम्प को कृत्रिम भूकमा कहा जाता है और यह मानवीय क्रियाओं के कारण आते है ।
प्राकृतिक रूप से भूकम्प प्लेटो की आपसी टक्कर के कारण भूकम्प आते है । भूकम्प के लिए पृथ्वी की सात प्लेटे जिम्मेदार है ।
भूकम्प का शाब्दिक अर्थ
भू कम्प शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमे भू का अर्थ भूमि या पृथ्वी है तथा कम्प का मतलब कम्पन है । इस प्रकार से भूकम्प का शाब्दिक अर्थ हुआ भूमि का कम्पन ।
अग्रेजी मे भूकंप को earthquakes कहते है जिसमे earth यानि पृथ्वी और quakes का अर्थ है हिलना इस प्रकार से earthquakes का अर्थ हुआ पृथ्वी का हिलना ।
भूकम्प की परिभाषा ( definitions of earthquakes in hindi)
पृथ्वी की आन्तरिक प्लेटो की आपसी टक्कर अथवा असन्तुलन उत्त्पन्न हो जाने के कारण पृथ्वी की सतह पर जो कम्पन उत्पनन होते है उसे हम भूकम्प कहते हैं।
अलग-अलग वैज्ञानिको ने भूकम्प की निम्न परिभाषाएं दी
भूकम्प का केन्द्र किसे कहते हैं।
धरती की सतह के निचे जिस स्थान पर प्लेटे टुटती है अथवा खिसकती है उस स्थान को भूकंप का केन्द्र कहा जाता है । भूकंप का केन्द्र पृथ्वी की सहत से ई कई किलोमीटर निचे होता है ।
भूकम्प केन्द्र से मुक्त हुई ऊर्जा की तरंगे वृत्ताकार रूप से चारो तरफ फैलती है ।
भूकम्प क्यो और कैसे आते है ?
पृथ्वी की कुछ प्लेटो मे आपस मे टक्कर होती है और इन टक्करो की वजह से ऊर्जा मुक्त होती है जो पपङी के माध्यम से यात्रा करती है जिसकी वजह से भूकम्प आते है ।
सा मान्य तौर धरती की प्लेटे एक धीमी गति करती है । परन्तु कई बार इसके किनारे दुसरी प्लेटो के बीच मे फस जाते है जिससे यह प्लेटे अचानक अत्यधिक तनाव एव दबाब के साथ घर्षण करते हुए निकलती है। जिससे उत्पन्न हुई ऊर्जा तरंगों के रूप मे पपङी के माध्यम से गति करती है जिससे हमे भूकम्प के झटके महसूस होते है ।
भूकम्प आने के कारण
1.प्लेटो का सन्तुलन बिगड़ना
2.ज्वालामुखी उत्पन्न होना
3.पृथ्वी का सीकुङना
4.बलन तथा भ्रंश
5.जलीय भार का बढना
6.मानवीय क्रियाओं के कारण
7.अत्यधिक मात्रा मे खनन
भूकम्प के प्रभाव
1.सुनामी का आना
2.हिम स्खलन एव भूस्खलन होना
3.ज्वालामुखी फटना
4.मिट्टी का द्रवित होना
5.जमीन का अन्दर धंस जाना
6.बाढ का आन
7.बांधो का टुटना
8.बडी बङी इमारतों, भवनो , पुलो आदि का गिरना
भूकम्प की तीव्रता मापने वाल यंत्र एव भूकम्प की तीव्रता
भूकम्प को मापने वाले यंत्र सिस्मोग्राफ है तथा इसका पैमान रियक्टर है । भूकंप की तीव्रता का प्रभाव निम्न है ।
- 0 से 1.9 रिक्टर तक की तीव्रता के भूकम्प को हम महसूस नही कर सकते है।
- 2 से 2.9 तक के भू कम्प मे हल्क झटके आते है जिसे आसानी से पहचाना नही जा सकता है।
- 3 से 3.9 तक की तीव्रता मे थोङे जोर से झटके आते है जिसका आसानी से पता सकते है ।
- 4 से 4.9 यह सामन्य प्रकार का भूकम्प है जिसमे कांच की खिड़कीयाॅ, मिट्टी व कांच के बर्तन आदि टुटने लगते है ।
- 7 से 7.9 बङी बङी इमारते भवन आदि धरासाही होने लगते है ।
- 8 से 8.9 तक की तीव्रता मे सुनामीया आने लगती है । और बङे बङे पुल आदि गिरते नजर आते है ।
FAQ
1. भूकंप को मापने वाला यंत्र कौनसा है ?
सिस्मोग्राफ
2. भूकंप का मात्रक क्या है ।
रियक्टर
3.भूकम्प को अंग्रेजी मे क्या कहते हैं।
Earthquakes
अन्य आर्टिकल
0 टिप्पणियाँ